गावो ममाग्रतो नित्यं गाव: पृष्ठत एव च|
गावो मे सव्रतश्चेव गवां मध्ये वसाम्यहम||
"गाय मेरे आगे,पीछे,सभी ओर हों और मै गाय के मध्य ही निवास करू"(महाभारत)|गावो मे सव्रतश्चेव गवां मध्ये वसाम्यहम||
"गो नाम सुमिरन ॐ मंत्र के जप के तुल्य है."
"गाय अपनी पीठ पर हमारी अर्थव्यवस्था का सम्पूर्ण हर उठाये हुए है -भारतीय कृषि रायल कमिसन (१९२९) "
दर्द मंदों की मसीहा शोअरा कहते है,
साहबे दिल तुझे तस्वीरे वफ़ा कहते है,
माँ तुझे कहते है हिन्दू तो बजा कहते है,
कोन है जिसने तेरे दूध से मुह मोड़ा है,
आज हर कौम की रग-रग में लहू तेरा है||
-चकबस्त लखनवी
गाय माता की रक्षा की आवश्यकता है . गाय से जो भी मिलता है वह सर्वश्रेष्ठ होता है. आखिर गाय को माता कहने वाला इस बात को जानने कि कोशिश करे तो उसे पाता चल सकता है कि वह कितने उपयोग कि है.
1857 की क्रांति का एक कारण था कि अंग्रेज भारतीयों को गाय के चर्बी से बने कारतूसो का प्रयोग करने को बाधित किया गया था|तब उन हमारे पूजनीय क्रान्तिकारियो ने इनका उपयोग करने से मना कर दिया और देश के स्वतंत्रता कि क्रांति कि लड़ाई शुरू हुई |
कतल खानों में गाय माता को लाल रंग का महंगा मास प्राप्त करने के लिए 4 दिन तक भूखा रख कर,गरम खोलता पानी डालकर गायो को काटा जाता है|
robert clive नामक व्यक्ति ने देश का सब से पहल कतल खाना खोला | उनकी निति हमरी संस्कृति के ऊपर वार करना था |
अंग्रेजो ने चाय और काफी और मुख्य रूप से शराब को पिने की लत लगे और गाय माता के दूध को पिने से हमें दूर कर दिया|आजकल लोगो में वो दम नही रहा |
शराब पिने के बाद अमुक व्यक्ति को अपनी बीवी और अपनी बेटी में कोई अंतर नही लगता | सरब क्सिसी भी व्यक्ति को देवत्व से दानव बना सकती है | जो शराब पिलेता है उसे अपनी बहिन और अपनी बीवी में अंतर नही नजर आता | आजकल अख़बार इन्ही बातो से भरे है | हमारी माँ और बहिनों के साथ किये गये गलत कार्य 70 % शराबी और उनके परिचित लोगो द्वारा किये जाते है और ये सारे शराबी गाय का मास खाते है |
हमारी सरकार इसके प्रति ध्यान नही दे रही पर हमें तो अपनी माँ का ध्यान रखना होगा | एक माँ अपने बच्चे को 6 महीनो तक दूध पिलाकर कह्देती है की मेरे दूध के कर्ज चुकाना ...पर गाय माँ हमें जीवन पर्यंत दूध देती है पर हम से बस अपनी safety चाहती है |
"The Prime Minister, Indira Gandhi did not accept the demand for a ban on cow slaughtering. Instead police fired on the rally, killing many Sadhus. The Home minister, Gulzarilal Nanda, resigned, taking responsibility for the administration's failure to maintain law and order."