मैंने ठाकुर जी की कृपा से अपनी टूटी फूटी भाषा में कुछ लिखने का प्रयास किया है ये भाव मै ठाकुर जी को और मेरे गुरु को समर्पित करता हूँ |
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text 2011, copyright © bhaktiprachar.in
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लोगो ने हम को खूब दुःख दिए,
दुखो ने हम को खूब जखम दिए ,
जब मई आया तेरे दर पे एक बार......
मेरे जखम तुमने प्यारे! भर दिए .....
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