Sunday, September 18

thanks for god

 मैंने  ठाकुर जी की कृपा से अपनी टूटी फूटी भाषा में कुछ लिखने का प्रयास किया है ये भाव मै ठाकुर जी को और मेरे गुरु  को समर्पित करता हूँ |
1.
लोगो ने हम को खूब दुःख दिए,
दुखो ने हम को खूब जखम दिए ,
जब मई आया तेरे दर पे एक बार......
मेरे जखम तुमने प्यारे! भर दिए .....




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