Friday, December 9

प्रार्थना~१

हरे कृष्ण
गोपाल.


हे नाथ !अब तो आपको हमारे ऊपर कृपा करनी ही  पड़ेगी | हम भले बुरे कैसे ही हो,आपके ही बालक है |आपको छोड़ कर  हम कहा जाये?किस से बोले? हमारी कौन सुने? संसार तो सफा जंगल है| उससे कहना अरण्यरोदन(जंगल में रोना) है| आपके सिवाय कोई सुनने वाला नहीं है | हम किससे कहे?हमारे ऊपर किसको दया आती है ?अच्छे-अच्छे  गुण हो तो दूसरा भी कोई सुन ले | हमारे-जैसे दोषी,अवगुणी की बात कौन सुने?कौन अपने पास रखे? हे गोविन्द-गोपाल! यह तो आप ही है जो गायोऔर बैलो को भी अपने पास रखते है,चारा देते है | हम तो बस,बैल की तरह ही है| बिलकुल जंगली आदमी है|आप ही हमें निभाओगे|और कौन है,किस की हिम्मत है की हमें अपना ले?ऐसी शक्ति भी किस्मे है?हम किसी को क्या निहाल करेंगे? हमें अपना कर भी कोई क्या करेगा? हमें रोटी दे,कपड़ा दे,मकान दे,खर्चा करे और हमारे से क्या मतलब सिद्ध होगा?ऐसे निकम्मे आदमी को कौन संभाले?कोई गुण हो तो संभाले| यह तो आप दया करते है,तभी काम  चलता है,नही तो कौन परवाह करता है ?
हे प्रभु थोड़ी सी योग्यता आते ही हमें अभिमान हो जाता है |योग्यता तो थोड़ी ही होती है पर मन लेते है की हम तो बहुत बड़े हो गए है,बड़े योग्य बन गए,बड़े भक्त बन गए,बड़े वक्ता बन गए,बड़े चतुर  बन गए,बड़े होशियार बन गए ,बड़े त्यागी या बड़े अच्छे लेखक बन गए| भीतर यह अभिमान भरा है नाथ! आपकी ऐसी बात सुनी है की आप अभिमान से द्वेष करते हो और दैन्य से प्रेम करते हो | अगर आपको अभिमान नही सुहाता है तो फिर उसको मिटा दो,दूर कर दो|बालक कीचड़ से सना हुआ हो और गोदी में जाना चाहता हो तो माँ ही उसको धोएगी और कौन धोएगा ? क्या बालक खुद स्नान कर के आयेगा,तब माँ उसको गोदी में लेगी? आपको हमारी अशुद्धि नहीं सुहाती तो फिर कौन साफ करेगा? आपको ही साफ करना पड़ेगा प्रभु |
हे नाथ हमारे तो सब कुछ आप ही हो| आपके सिवाय और कौन है,जो हमारे जैसे को गले लगाये?इसलिए हे प्रभो ! अपना जानकर हमारे ऊपर कृपा करो| एक मारवाड़ी कहावत है-"गेलो गुंगो बवालों,तो भी चाकर रवालो|" हम कैसे ही है,आपके ही है| आप अपनी दया से ही हमें संभालो,हमारे अवगुणों से नही |जिन भारत जी की महिमा रामजी से भी ज्यादा कही गई है,वो भी कहते है-
जाऊ करनी समुझाई प्रभु मोरी| नही निस्तार कलाप सैट कोरी|
जन अवगुण प्रभु मन न काउ | दें बंधू आती मृदुल सुभाऊ ||

आपके ऐसे मृदुल स्वभाव को सुन कर ही आपके सामने आने की हिम्मत होती है| अगर अपनी तरफ देखे तो आपके सामने आने की हिम्मत नही होती |

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