Sunday, September 18

भगवान में अपनापन


 




 हरे कृष्ण....गोपाल 
वास्तव में भगवान हम सब के है और यह संसार भी परमात्मा का है परन्तु  जब हम इस पर कब्ज़ा करना चाहते है,इसको अपना मन लेते है तब हम इस से बंध जाते है |
जिन रुपयों परिवार आदि को हम अपना मान लेते है तब हम उनके पराधीन हो जाते है,परवश हो जाते है |वहम तो ये होता है की हम उन के मालिक बन गए,पर बन जाते है गुलाम | यह बात खूब समझने  की है  केवल सुनाने या सुनने की ही नही है | जिन मकानों को हम अपना मानते है,जिन परिवार वालो को हम अपना मानते है हमें उन्ही की चिंता होती है| जो मकान या परिवार हमारा नही है हमें उसकी चिंता नही होती | पर असल  में तो भगवान ही हमारे है | उन्हें प्राप्त करना प्रत्येक  मनुष्य का ध्येय है |

प्रभु का हमारे साथ अपनाना पण हमेशा से है और सदा रहेगा| केवल हम ही  भगवान से विमुख हुए है,भगवान हम से विमुख नही हुए| हम भगवान के है और भगवान हमारे है -
                                             अस अभिमान जाई जनि भोरे  |
                                              मै सेवक रघुपति पति मोरे ||
" बिहारी जी हमारे है "

मीरा बाई इतनी ऊँची हुई इसका कारन ये भाव था कि "मेरे  तो गिरधर गोपाल,दुसरो न कोई |"
केवल एक भगवान ही हमारे है,दूसरा मेरा कोई नही है |
जी, हम सब जब भगवान के हो जाते है तो भगवान कि स्रष्टि के साथ उत्तम से उत्तम बर्ताव करना हमारे लिए जरुरी हो जाता है क्न्यो कि ये सब भगवान के हा यानि हमारे मालिक के है और हम सब अपनी चीजो का ही ज्यादा ध्यान रखते है| हमारा उनके प्रति त्याग का,उनके हित का , सेवा का बर्ताव होगा | " सर्वे भवन्तु सुखिन :" का भाव होगा |
                                                    
                                                                           हमें बस ये ध्यान रखना है कि भगवान हमारे है | वे हमारे  है,हम उनके है| जब हम उन्हें ये कह देंगे क हम आपके है तब हमारा ध्यान रखने  की जिम्मेदारी उनकी | बस इस बात का इंतजार रखना कि वे एक दिन कहदे कि मै तुम्हारा हूँ और तुम मेरे हो |
ओर आप  सभी जब उनके पास सेवा में या पूजन में जाओ तब हमेशा उन्हें याद दिलाते रहो कि   हम आपके है क्यों कि  एक बात है,जो हनुमान जी को पूजते है वो जानते है कि हनुमान जी को उनकी सकती याद दिलाने पर ही पता चलती है इसलिए उन्हें हमेशा कहते रहना  चाहिए  कि हम आपके है|
मै अप सब को उपदेश नही बलकी अपने विचार बता रहा हूँ ओर आप के भाव आपके भाव मुझे अच्छे लगेंगे|
हरे कृष्ण....गोपाल 

text 2011, copyright © bhaktiprachar.in