Sunday, September 18

mere guru dev


मैंने  ठाकुर जी की कृपा से अपनी टूटी फूटी भाषा में कुछ लिखने का प्रयास किया है ये भाव मै ठाकुर जी को और मेरे गुरु  को समर्पित करता हूँ |
( मोरारी बापू के शिष्य नही है पर वे हमें ज्ञान देते है   और प्रभु का प्रेम बताते है इसलिए ये फोटो यंहा उपयोग हुआ है)

 
1.
वृन्दावन  में रहते है मेरे गुरु देव....
हर व्यक्ति के हृदय में रहते है मेरे गुरु देव........
"ज्ञान" भी मेरे गुरु को साथ रखता है.......
भक्ति को गुरु शिष्य में भर देता है.........
ऐसे मेरे गुरु को मेरा प्रणाम
जिसे खुदा भी अपने दिल में समाये रखता है......................

2.
खुदा से किसी ने पूछा-
' कौन  है जो लोगो को तुझ से मिलाएगा....
कौन  है जो तेरे दिल में लोगो की जगह बनाएगा....'

खुदा ने जवाब दिया-
" गुरु लोगो को मुझ से मिलाएगा......
ज्ञान भक्ति का सागर तुम्हे देगा...
जिसने मेरे दिल में बनाली है जगह...
वह तुम्हे मुझसे मिलाएगा............"

some poems are not displayed due to some problems.but i will solve it and share with you.
text 2011, copyright © bhaktiprachar.in