Monday, October 3

सांवरे की याद में तड़पना सिखा दो

हरे कृष्ण 
गोपाल 
 written by-sri braj manjari
सांवरे की याद में तड़पना सिखा दो ,
राधे हमें आके प्रेम करना सिखा दो|
(१)सांवरे को रो रोके कैसे बुलाएँ,
अपने ह्रदय में आग कैसे लगायें|
अपने विरह की पीर कैसे जगाएं,
राधे हमें जी भरके रोना सिखा दो ||
राधे हमें आके प्रेम करना सिखा दो.......
(२) सुबह शाम हम तो प्रेम में पड़े रहे,
अंखियों में हमारी बस आंसू ही भरे रहे|
ध्यान हम तो केवल बस श्याम का धरे रहें,
राधे हमें प्रेम वाला रोग लगा दो ||
राधे हमें आके प्रेम करना सिखा दो..........
(३) सांवरे को हम तो बोलो कैसे रिझाएँ,
नाता प्रेम वाला बोलो कैसे निभाएं |
अपने ह्रदय की बात कैसे बताएं,
राधे हमें प्रीत की रीत सिखा दो ||
राधे हमें आके प्रेम करना सिखा दो..........
(४) हर घडी हर क्षण याद की तड़पन हो,
सांवरे के नाम मेरी हर एक धड़कन हो |
मेरे सारे कर्म उनके चरणों में अरपन हो,
राधे मेरे दिल को दीवाना बना दो ||
राधे हमें आके प्रेम करना सिखा दो..........
(५) राधा नाम के सहारे जीवन बिताऊँ,
अपने दिल की हर बात आपको बताऊँ|
कैसे भी करके मै तो श्याम को मनाऊँ,
राधे मुझको आके अब तो अपना बना लो||
राधे हमें आके प्रेम करना सिखा दो..........
सांवरे की याद में तड़पना सिखा दो ,
राधे हमें आके प्रेम करना सिखा दो|
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