दीपावली..पञ्चपर्वो का त्यौहार |
इस पर्व पर यदि भूमंडल को आसमा से देखे तो लगता है मानो सूर्य ने कुछ समय के लिए अपने कुछ अंश यंहा दीपक के रूप में उतार दिए है | हर साल हम दिवाली पर सफाई करते है यानि कि कुछ न कुछ संकल्प लेते है | अपने जीवन से कुछ बुराई कि सफाई का संकल्प | इस साल भी लेंगे | पर पूरा ?
पञ्च पर्वो का पहल पर्व "धन तेरस" | कुछ भाषाओ में "ते" का अर्थ होता है "से' | यानि अर्थ बना "धन से रस" | संतो का धन -प्रभु नाम..एक सामान्य व्यक्ति के रूप में धन अर्थ के रूप में है और समष्टि के रूप में धन का अर्थ है "स्वास्थ्य" | मई कुछ दिन पहले भागवत जी में पढ़ रहा था कि इस दिन धन्वन्तरी जी समुद्र मंथन में प्रकट हुए थे | उनके हाथ में अमृत रूपी धन कलश था | धन तेरस से व्यक्ति को उसके जीवन के धन कि याद बनी रहे इस लिए ये एक विशेष पर्व है | आज लोग कमी तो खूब करते है पर थोड़ी उम्र बीतने पर वो बीमार हो जाते है और जो धन कमाया वो उसी में लगादेते है | पर मेरे ख्याल से हमारे जीवन का सब से बड़ा धन तो हमारा जीवन ही है | किसी को नोबेल या ओस्कर मिले पर प्रभु ने हमें जो जीवन रूपी इनाम या पद दिया है वो किसी और इनाम से तुलनात्मक नही है क्यों कि जीवन का इनाम सब से बड़ा है इसी मनुष्य जीवन में तो हम प्रभु का पूर्ण विवेक से भजन कर पाते है |
दूसरा पर्व मनाते है हम रूप चौदस और छोटी दिवाली | इस दिन महिलाये रूप लक्ष्मी बनती है |
तीसरा पर्व मनाते है दीवाली | प्रभु श्री राम के वनवास से आने का पर्व और माँ लक्ष्मी के पादुर्भाव का दिवस | एक विशेष बात इस दिन हम लक्ष्मी कि पूजा करते है पर प्रभु श्री राम के आने का पर्व भूल जाते है अत: अप से आग्रह है आप प्रभु श्री राम को भी याद रखे | एक और विशेष बात कि इसकि रात को हम इतने सारे रावनो को प्रकट कर देते है कि प्रभु राम को फिर वनवास जाना पड़ता है.... |
गोवर्धन पर्व - इस पर्व को सब लोग एक दुसरे के घर जाकर अपने प्रेम को बढ़ाते है | प्रभु श्री कृष्ण ने गोवर्धन उठाकर इन्द्र का अभिमान दूर किया साथ ही ये भी बता दिया कि किसी बड़े कम को करने के लिए उम्र कि जरुरत नही होती | आप में यदि विश्वास है तो आप भी अपने 7 कोस (गोवर्धन 7 कोस का है यानि 21 km कि परिक्रमा) जितने को आसानी से प्राप्त कर सकते हो |
भागवत जी में एक मंत्र है -
कृष्ण कृष्ण महाभाग त्वन्नाथ गोकुलं प्रभो |
त्रातु मर्हसी देवान्न: कुपिताद भक्तवत्सल: | |
भागवत का श्लोक मंत्र भी है और एक श्लोक भी |
मेरा आपसे निवेदन है कि आप इस शलोक को इस दिन जरुर बोले | "प्रभु आप ही हमारे सहारे हो |"
भाई दूज के भाई और बहिन के प्रेम के पर्व कि आप सब भाई और बहिन को शुभ कामनाये |