मैंने ठाकुर जी की कृपा से अपनी टूटी फूटी भाषा में कुछ लिखने का प्रयास किया है ये भाव मै ठाकुर जी को और मेरे गुरु को समर्पित करता हूँ |
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मेरा मोहन मुरली वाला,प्यारा मोहन मदन गोपाला......
राधा जी का प्यारा वो तो प्यारा नंदलाला.....
प्यारा राधा रमण.....बाधा हरण...............
वो धेनु चरेया...मेरा चित चुरैया........
मुनियों का चित चोर....मेरा मदन मोहन......
वो वंशी वाला...हरिदास दुलारा.......
सखियों का प्यारा.....वो सबका है प्यारा.....
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मेरा मोहन मुरली वाला प्यारा मदन मोहन................
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